अगले दो सालों में बाजार में आ जाएगी डेंगू की आयुर्वेदिक दवा
नई दिल्ली। बारिश का मौसम खत्म होने को है और इसके साथ ही डेंगू जैसे जानलेवा बुखार का प्रकोप शुरू होने की आशंका डराने लगी है। देश में हर साल डेंगू का प्रकोप फैलता है और सैकड़ों लोगों की जान जाती है। इस बीमारी से बचने का पहला तरीका तो सतर्कता ही है।
इस बीच एक अच्छी खबर यह है कि डेंगू के इलाज के लिए तैयार की गई आयुर्वेदिक दवा का क्लीनिकल ट्रायल तीसरे और अंतिम चरण में चल रहा है और यह अगले दो वर्षों में बाजार में आ जाएगी।
मंगलवार को यह जानकारी आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने दी। इस दवा पर आयुष (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) शोध कर रहे हैं।
कोटेचा ने बताया कि इसे भारत में उगाई जाने वाली विभिन्न आयुर्वेदिक जड़ी- बूटियों से बनाया गया है और इस दवा के गोली के रूप में अगले दो वर्षों के भीतर बाजार में आने की संभावना है।
पिछले 100 दिनों में मंत्रालय की उपलब्धियों पर बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस से इतर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दवा का क्लीनिकल ट्रायल तीसरे और अंतिम चरण में है। अगले दो सालों में यह पूरा हो जाएगा।
एक बार शोध पूरा होने के बाद यह डेंगू के लिए तैयार की गई पहली दवा होगी। उन्होंने कहा कि दवा का नाम क्या होगा और यह कैसे बेची जाएगी जैसे मुद्दों पर निर्णय होना बाकी है। उन्होंने कहा कि खुराक के मानकीकरण और दवा में उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटी के अनुपात पर अभी आइसीएमआर और मंत्रालय की टीम को काम करना होगा।