बीजेपी-शिवसेना ने किया गठबंधन का ऐलान, सीट बंटवारे पर चुप्पी
महाराष्ट्र विधनासभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी-शिवसेना ने गठबंधन का ऐलान कर दिया है. हालांकि सीट शेयरिंग को लेकर अभी कुछ नहीं कहा गया है. बीजेपी, शिवसेना, आरपीआई, आरएसपी और अन्य मिलकर चुनाव लड़ेंगे. सीट बंटवारे को लेकर डिटेल्स बाद में शेयर की जाएंगी। माना जा रहा है कि सीट शेयरिंग पर फैसला हो चुका है लेकिन अभी तक औपचारिक घोषणा नहीं तय की गई है. शिवसेना गठबंधन में और सीटों की मांग कर सकती है. शिवसेना महाराष्ट्र में आदित्य ठाकरे को आगे बढ़ा रही है, जिससे पार्टी को मुख्यमंत्री चेहरा मिल सके.
सीएम पद चाहती है शिवसेना!
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तैयारियों शुरू हो चुकी हैं लेकिन अभी से शिवसेना और बीजेपी में सत्ता को लेकर संघर्ष शुरू हो चुका है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने साफ कर दिया है कि शिवसेना सहयोगी नहीं बनेगी बल्कि सही समय आने पर सत्ता भी संभालेगी.
एक सभा के दौरान संजय राउत ने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे और चुनाव जीतेंगे. अगर ठाकरे परिवार का कोई सदस्य सरकार में शामिल होता है तो वह केवल डिप्टी सीएम की पोस्ट नहीं लेगा. इसे मुख्यमंत्री पद होना चाहिए. अगर वे युवाओं का नेतृत्व कर रहे हैं तो वे सरकार भी चला सकते हैं.
गठबंधन का औपचारिक ऐलान बाकी- देश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रविवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई थी. बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे. सूत्रों के हवाले से खबर है कि महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी और शिवसेना गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा तय हो चुका है. शिवसेना को 124 सीटें मिल सकती हैं.
गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और शिवसेना में गठबंधन सिर्फ इसलिए देरी से हुआ था, क्योंकि शिवसेना महाराष्ट्र चुनाव में अस्थाई सीट बंटवारे के लिए बीजेपी से आश्वासन चाहती थी ।
शिवसेना को मिल सकती हैं 124 सीटें- 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और शिवसेना ने सीटों के बंटवारे को लेकर समझौते का औपचारिक ऐलान नहीं किया है लेकिन सूत्रों के अनुसार शिवसेना को भाजपा ने 124 सीटों पर मना लिया है.
जाहिर है कि शिवसेना अगर 124 सीटों पर विधानसभा में उतरती है तो भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की 288 विधानसभा सीटों में से 146 सीटों पर चुनाव लड़ेगी . वहीं, शेष सीटों पर रिपब्लिकन पार्टी आॅफ इंडिया (आरपीआई) जैसे गठबंधन के छोटे दल चुनाव लड़ सकते हैं।