मध्‍यप्रदेश सरकार ने केंद्र से मांगा 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का राहत पैकेज

मध्‍यप्रदेश सरकार ने केंद्र से मांगा 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का राहत पैकेज


भोपाल। अतिवर्षा और बाढ़ से 13 हजार करोड़ रुपए की क्षति का अनुमान प्रदेश सरकार ने लगाया है। प्रभावितों को सहायता पहुंचाने के साथ क्षतिग्रस्त अधोसंरचनाओं को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार से 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के राहत पैकेज की मांग की गई है।


मैदानी रिपोर्ट के आधार पर मांग पत्र बनाकर राजस्व विभाग मंगलवार को केंद्र सरकार को पहुंचाएगा। उधर, पैकेज की राशि जल्द उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इसी सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं।


सूत्रों का कहना है कि अधिकांश जगह बारिश का सिलसिला थमने के बाद सर्वे के काम में तेजी आई है। जिलों ने मैदानी आकलन कर रिपोर्ट राजस्व विभाग को भेजी है। इसके मुताबिक कृषि क्षेत्र को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। खरीफ फसलें बड़े पैमाने पर चौपट हुई हैं।


मूंग और उड़द तो 90 प्रतिशत तक नष्ट हो गई है तो सोयाबीन को भी 50 फीसदी से अधिक क्षति पहुंची है। फूल और सब्जी की फसलें भी अतिवर्षा से प्रभावित हुई है। लगभग 22 लाख किसानों की 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल को नुकसान पहुंचा है।


अनुमान है कि करीब दस हजार करोड़ रुपए मूल्य की फसलें चौपट हुई हैं। इसकी भरपाई के लिए किसानों को राहत की दरकार है। वहीं, लगभग तीन हजार करोड़ रुपए का कर्ज किसानों के ऊपर खरीफ फसलों का है। मौजूदा परिस्थिति में वे इसे चुकाने की स्थिति में नहीं है, इसलिए मांग की गई है कि अल्पावधि ऋण को मध्यावधि में तब्दील किया जाएगा।


खेती के अलावा दूसरा सबसे बड़ा नुकसान सड़क, पुल और पुलिया के क्षेत्र में हुआ है। करीब 21 हजार किलोमीटर सड़क को मरम्मत की दरकार है। कुछ सड़कें तो नए सिरे से बनानी होंगी। वहीं, कुछ पुल और पुलिया भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन्हें दुरुस्त करने के लिए निर्माण एजेंसियों को करीब दो हजार करोड़ रुपए चाहिए। इसी तरह मकानों की बात करें तो 4608 पूरी तरह और 50,002 मकान आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं।