देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना जरूरी -किरेन रिजीजू
फिट इंडिया मुहिम में उद्योग और कारोबार जगत से सहयोग की अपील
नई दिल्ली। केन्द्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री श्री किरेन रिजीजू ने देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। आज नयी दिल्ली में 'इंडिया स्पोर्टस समिट: फिटनेस' दस अरब डॉलर की संभावना वाला क्षेत्र के उद्घाटन अवसर पर श्री रिजीजू ने कहा कि देश में खेल संस्कृति आम जीवन का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने उद्योग और कारोबार जगत से अपील की कि वह लोगों को स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए प्रेरित करने में सक्रिय सहयोग करें। श्री रिजीजू ने कहा ''भारत विश्व का नेतृत्व करने की आकांक्षा रखता है। अर्थव्यवस्था,राजनीति और आध्यात्मिक स्तर पर हमारा प्रदर्शन पहले से ही अच्छा है। ऐसे में यदि हम खेल क्षेत्र में भी एक बड़ी ताकत बन गए तो भारत का उत्थान समग्र और पूर्ण हो जाएगा।'' उन्होंने कहा कि खेल क्षेत्र में जिन देशों का प्रदर्शन अच्छा है वहां खेल संस्कृति को बढ़ावा मिला है। वहां के नागरिकों और बच्चों में खेल स्वाभाविक रूप से जीवन का एक हिस्सा है लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। पर अब समय बदल गया है। सकारात्मक और अनुकूल खेल संस्कृति विकसित किए बिना वांछित परिणाम प्राप्त नहीं किए जा सकते।
श्री रिजीजू ने कहा कि देश के एक अरब तीस करोड़ लोग ही इसकी ताकत हैं। हमें कई अच्छे परिणाम मिलने बाकि हैं लेकिन फिर भी हम सफलता का जश्न मनाते हैं। परिवारों में बच्चों को लेकर मुख्य चिंता उनकी आर्थिक सुरक्षा होती है इसलिए उन्हें खेल की तरफ ज्यादा प्रोत्साहित नहीं किया जाता। लेकिन अब समय बदल रहा है पर यह बदलाव एक दिन में नहीं आ सकता। उन्होंने कहा आज का समय खिलाडि़यों के लिए काफी अनुकूल है। उन्हें नौकरी मिल रही है, पहचान मिल रही है और साथ ही उनकी उपलब्धियों के लिए पूरा सम्मान भी मिल रहा है। खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सिर्फ बड़े स्लोगन से काम नहीं चलेगा। इसके लिए लोगों को खेलों को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित करना पड़ेगा। श्री रिजीजू ने कहा कि देश में क्रिकेट काफी लोकप्रिय है। हर गली कूचे में यह खेला जाता है। लेकिन इसे बढ़ावा देने में सरकार की कोई बड़ी भूमिका नहीं रही है। वह केवल एक उत्प्रेरक की भूमिका मे है। उन्होंने कहा कि खेल मंत्रालय धावकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने का हरसंभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने सरकार से खेलों के बेहतर प्रबंधन के उच्च मानक अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि इसमें थोड़ा बहुत प्रयास काफी नहीं होगा सभी हितधारकों को बेहतर परिणाम के लिए अपनी पूरी ताकत लगानी होगी। कबड्डी भी अब एक बड़ा खेल बन चुका है और इसमें भाग लेने वालों को भी अच्छी पहचान मिलने लगी है।