विशेषज्ञों ने कहा, पाक आर्मी चीफ बाजवा की गुप्त बैठक तख्तापलट की कवायद

विशेषज्ञों ने कहा, पाक आर्मी चीफ बाजवा की गुप्त बैठक तख्तापलट की कवायद



इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जावेद बाजवा ने हाल ही में देश के प्रमुख कारोबारियों से गुप्त मुलाकात की। इस पर सिटी बैंक के पूर्व अधिकारी, लेखक और बैंकर यूसुफ नजर ने कहा कि यह तख्तापलट करने का नर्म तरीका है, इसके अलावा कुछ नहीं।
 सिटी बैंक के पूर्व अफसर यूसुफ ने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में दखल है। सेना का काम देश की हिफाजत से आगे नहीं होना चाहिए। पाकिस्तान पहले ही कई बार सैन्य शासन से गुजर चुका है। बाजवा का नया कदम तख्तापलट की तरफ उठाया गया नर्म कदम है। इससे ज्यादा कुछ नहीं। इसके बेहद गंभीर परिणाम होंगे।
 सैन्य मुख्यालयों में हुई चर्चा : ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सेना प्रमुख बाजवा और प्रमुख कारोबारियों के बीच यह इस साल की तीसरी गुप्त बैठक थी। यह तीनों बैठकें कराची और रावलपिंडी के सैन्य मुख्यालयों में हुईं। इस दौरान सुरक्षा और गोपनीयता की जिम्मेदारी भी सेना ने ही संभाली। इसके चलते बैठक की ज्यादा जानकारी मीडिया तक नहीं पहुंची। 
 सेना ने संभाली अर्थव्यवस्था की कमान : रिपोर्ट के मुताबिक, बाजवा ने कारोबारियों से कहा कि वो अर्थव्यवस्था सुधारने के उपाय बताएं, ज्यादा निवेश करें। कारोबारियों के सुझावों को फौरन संबंधित अधिकारियों और मंत्रालयों तक पहुंचाया गया। इन पर अमल के आदेश भी दिए गए। सेना ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। बता दें कि सेना पहले ही पाकिस्तान में कई तरह के कारोबार चला रही है। इमरान खान सेना की मदद से ही प्रधानमंत्री बने हैं। उन्हें अर्थ व्यवस्था और अर्थ तंत्र का अनुभव नहीं है। इसलिए सेना ने खुद कमान संभाली है, क्योंकि उसके सामने खुद दिक्कतें हैं। भारत और अफगानिस्तान के बाद अब ईरान सीमा पर भी संकट है।