फीमेल डॉग के चारों पैर ऊपर थे, ऐसे ही हुआ नवजातों का जन्म
भोपाल. स्टेशन से कुछ ही दूरी पर रेलवे का यार्ड है। इसमें पटरियां व स्लीपर रखे हैं। पटरियों के नीचे फीमेल डॉग फंसी थी। प्रत्यक्षदर्शी रेलकर्मियों ने बताया कि पटरियों के बीच उसके चारों पैर ऊपर थे। इसी स्थिति में उसने नवजातों को जन्म दिया था। 2 नवंबर की शाम 7 बजे कुछ लोगों ने डॉग के चिल्लाने की आवाज सुनी और डीआरएम उदय बोरवणकर को फोन कर सूचना दी। डीआरएम ने रेलकर्मियों को मौके पर भेजा, तब तक रात हो चुकी थी। अंधेरे के बावजूद खोजबीन करने पर पता चला कि कुछ डॉग फंसे हैं, जो बगैर पटरियों को हटाए नहीं निकाले जा सकते। इस पर डीआरएम ने रेस्क्यू करने का सुझाव दिया। रात 8.32 बजे से रेस्क्यू शुरू हुआ। इसके लिए रेलवे की क्रेन व गैंगमैन का दल बुलाया गया। रात 2.25 बजे तक पटरियां हटाईं गईं और 5 मिनट बाद फीमेल डॉग व उसके नवजात को सुरक्षित निकाला गया। घटना स्थल पर दो नवजात मृत मिले।
फीमेल डॉग के चारों पैर ऊपर थे, ऐसे ही हुआ नवजातों का जन्म