प्रदेश में धान में नमी के कारण सरकारी खरीदी सात दिन टली
भोपाल। प्रदेश में लगातार बारिश होने की वजह से धान में नमी अब भी बरकरार है। जानकारों के हिसाब से ऐसे में किसानों से खरीदी की जाती है तो वो केंद्र सरकार की गाइड लाइन छल्ली के हिसाब से नॉन एफएक्यू (अमानक) हो सकती है। इसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ेगा। इसे देखते हुए मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी सात दिन के लिए टाल दी है। अब खरीदी 25 नवंबर की जगह दो दिसंबर से होगी।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में धान लगभग 18 सौ 50 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी जानी है। इसके लिए बड़ी तादाद में किसानों ने ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराया है। किसानों को एसएमएस भेजकर धान बेचने के लिए केंद्रों पर बुलाया जाएगा।
अमानक धान की खरीदी से बचने के लिए कवायद- अमानक धान की खरीदी न हो, इसके मद्देनजर खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग ने खरीदी की शुरूआत सोमवार 25 नवंबर से करने की जगह अब दो दिसंबर से करने का निर्णय किया है।
बताया जा रहा है कि नमी अधिक होने की वजह से धान को अमानक घोषित किया जा सकता है। इससे किसानों को होने वाली असुविधा को देखते हुए खरीदी बढ़ाई गई है। माना जा रहा है कि खरीदी की मियाद 20 जनवरी 2020 से आगे भी बढ़ाई जा सकती है।
प्रदेश में धान में नमी के कारण सरकारी खरीदी सात दिन टली