राम मंदिर के फैसले बाद अब समान नागरिक संहिता की तैयारी, रक्षामंत्री राजनाथ ने बताया जरुरी
नई दिल्ली । भाजपा के गठन के बाद से ही विपक्षी दलों की ओर से राम मंदिर मामले पर राजनीति करने का आरोप लगाया जाता था। विपक्षी दलों के नेता अक्सर बीजेपी तंज कसते हुए कहते थे, मंदिर वहीं बनाएंगे, पर तारीख नहीं बताएंगे। लेकिन शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का फैसला देने के बाद बीजेपी ने अब हिंदुत्व के अपने इस सबसे बड़े मुद्दे पर बढ़त कायम कर ली है। अब वहां अपने समर्थकों के बीच यह कह सकेगी कि उसका वादा पूरा हुआ है। यहीं नहीं इसके साथ ही बीजेपी नेता और समर्थक अब समान नागरिक संहिता की बात करना शुरू कर दिया हैं। सोशल मीडिया पर फैसले के बाद ही कई लोग अब समान नागरिक संहिता की बारी जैसी बातें कर रहे है। यहीं नहीं शीर्ष अदालत के फैसले के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसकी जरुरत जाहिर की।
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में कॉमन सिविल कोड की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी.हरिशंकर मामले की 15 नवंबर को सुनवाई होगी। शनिवार को आए शीर्ष अदालत के फैसले ने एक तरह से बीजेपी के लिए अच्छी स्थिति पैदा की है, इस पर आंदोलन चलाया था और लंबे समय तक राजनीतिक व्यवस्था में अलग-थलग रही।
बीजेपी को 2014 में अपने दम पर बहुमत मिलने के बाद से एनडीए में उसकी पकड़ खासी मजबूत हुई है। जेडीयू जैसे सहयोगी दलों की वीटो पावर एक तरह से खत्म हुई। इसके बाद अब 2019 में एक बार फिर से पहले से ज्यादा सीटों के साथ सत्ता में लौटने के चलते मोदी सरकार अपने परवान पर है। इसी साल 5 अगस्त को बीजेपी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला लिया था। इसके कुछ महीने के बाद ही अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से अयोध्या पर फैसले ने हिंदुत्व के मुद्दे पर उसकी बढ़त को मजबूत किया है।