राममंदिर निर्माण की रूपरेखा सरकार और संतों ने की तैयार
नई दिल्ली। अब यह कहना भी थोड़ा कम ही होगा कि पिछले 30 वर्ष से राम मंदिर आंदोलन की अगुआई कर रही विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और वृहद् संघ परिवार अयोध्या मंदिर मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से अत्यधिक प्रसन्न हैं, लेकिन उल्लास के बीच पहले ही इस बात को लेकर तकरार की खबरें आने लगी हैं कि कोर्ट ने मंदिर बनाने के लिए जो ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है, उसका हिस्सा कौन-कौन लोग होंगे।
दरअसल, फैसला अभी पूरी तरह से लोगों के जेहन में उतरा भी नहीं था कि ट्रस्ट के मसले पर सुगबुगाहट शुरू हो गई थी। राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास ने कह दिया कि किसी और ट्रस्ट की जरूरत ही नहीं है कि क्योंकि इस न्यास का गठन केवल राम मंदिर के निर्माण के लिए हुआ था। हालांकि, रामलला पर स्वामित्व का दावा करने वाले निमोर्ही अखाड़ाके महंत दिनेंद्र दास ने न्यास का विरोध किया है और कहा है कि उसे नए ट्रस्ट का हिस्सा बनना चाहिए। इसलिए फिलहाल असमंजस की स्थिति है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह भी है कि नए ट्रस्ट में निमोर्ही अखाड़े का प्रतिनिधित्व होगा, लिहाजा वही फिलहाल इस ट्रस्ट का एकमात्र पुष्ट सदस्य है।
राममंदिर निर्माण की रूपरेखा सरकार और संतों ने की तैयार