तीसरी तिमाही में 4.3 प्रतिशत रह सकती है भारत की विकास दर : डीबीएस
सिंगापुर। भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियां बढ़ने के संकेत हैं। सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने दूसरी छमाही में विकास दर और घटने की आशंका जताई है। इसकी एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में विकास दर घटकर 4.3 फीसदी रह सकती है। दूसरी तिमाही में विकास दर 5 फीसदी थी।
बैंक ने कहा है कि निजी क्षेत्र की गतिविधियां कमजोर रहने के साथ-साथ आर्थिक वृद्घि के लिहाज से अहम माने जाने वाले खपत क्षेत्र में सुस्ती बढ़ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नई परियोजनाओं की घोषणा की रफ्तार कई साल के निचले स्तर पर आ गई हैं। दूसरी तरफ मध्यवर्ती, पूंजीगत सामान और टिकाऊ उपभोक्ता सामान की कमजोर मांग के कारण उत्पादन की रफ्तार धीमी पड़ी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थिति में संतुलन लाने के प्रयासों के तहत वर्ष के शुरूआती महीनों में आम चुनाव की वजह से खर्च आवंटन धीमा रहने के बाद अब वित्तीय खर्च में तेजी आ सकती है। हालांकि, व्यापार की यदि बात की जाए तो निर्यात में सुस्ती के साथ गैर-तेल और गैर- स्वर्ण आयात में गिरावट आने से संतुलन सकता है। जुलाई-सितंबर तिमाही के जीडीपी वृद्घि के आंकड़े इसी हफ्ते जारी होने हैं।
लोन देने में बढ़ी सख्ती- भारतीय रिजर्व बैंक की सर्वे रिपोर्ट में आय और रोजगार की स्थिति को लेकर उपभोक्ता सेंटीमेंट कमजोर होने के संकेत दिए गए हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स संग्रह मांग में कमी दशार्ते हैं। बैंकिंग और गैर-बैंकिंग फाइनेंस सेक्टर में लोन ग्रोथ पहले के मुकाबले धीमी पड़ी है। बैंकों ने कर्ज देने के मामले में छानबीन और दस्तावेजों की पड़ताल में सख्ती बरतनी शुरू की है।