नई रेत नीति से प्राप्त होगा 1400 करोड़ का राजस्व

 नई रेत नीति से प्राप्त होगा 1400 करोड़ का राजस्व
भोपाल। खनिज साधन मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल ने बीते एक वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया है कि प्रदेश में नई रेत नीति लागू होने से खनिज राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। केवल 43 जिलों में रेत नीलामी में प्राप्त निविदाओं में कुल 1400 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा, जो कि पूर्ववर्ती सरकार को मात्र 240 करोड़ राजस्व प्राप्त होता था। इसी तरह, ई-नीलामी में छतरपुर जिले की 364 हेक्टेयर की बंदर हीरा खदान को आदित्य बिड़ला ग्रुप की कम्पनी मेसर्स ऐस्सल माइनिंग एण्ड इण्डस्ट्रीज लिमिटेड, मुम्बई को 30.05 प्रतिशत अधिक बोली लगाने पर पट्टे पर दी गई है। राज्य शासन ने हाल ही में इस कम्पनी को हीरा बंदर खदान का आशय-पत्र सौपा है। उन्होंने बताया कि बंदर हीरा खदान से सम्पूर्ण पट्टा अवधि में राज्य सरकार को 23 हजार 506 करोड़ राजस्व मिलेगा अर्थात प्रतिवर्ष लगभग 600 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त होगा।
मंत्री श्री जायसवाल ने बताया कि नये रेत नियम-2019 अंतर्गत प्रदेश के रेत उपलब्ध कुल 43 जिला समूह के लिये रेत खदानों के संचालन के लिये निविदाएँ जारी की गई थीं। इसका सरकारी आरक्षित मूल्य लगभग 475 करोड़ रुपये रखा गया था जिसके, विरुद्ध मात्र 36 जिलों के लिये खोले गये प्राप्त वित्तीय प्रस्तावों में कुल 1400 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। मुख्य खनिज की सफलतापूर्वक नीलामी प्रक्रिया पूर्ण होने पर प्रदेश को लगभग 6,331 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होना अनुमानित है। कुछ जिला समूह के लिये नियत आॅफसेट प्राइज की तुलना में 6 गुना से भी अधिक के वित्तीय प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। होशंगाबाद जिले के लिये आॅफसेट प्राइज में 100 करोड़ रुपये के विरुद्ध 217 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। नई नीति में निविदाकार रेत खदानों की नीलामी में कार्यवाही को आॅनलाइन लाइव देख पा रहे हैं।
खनिज साधन मंत्री ने बताया कि बैंगलुरु में आयोजित माइनिंग मजमा मेला-सह-कॉन्फ्रेंस में मध्यप्रदेश की खनिज संबंधी उपलब्धियों और अन्य गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया। खनिज साधन विभाग द्वारा प्रदेश के 8 क्षेत्रों में खनिजों का पूर्वेक्षण/खोज कार्य किया जा रहा है। इसमें जिला दमोह, धार और सतना में खनिज चूना पत्थर तथा जिला डिण्डोरी में खनिज बॉक्साइट, लेटेराइट एवं जिला मंदसौर में लेटेराइट का सर्वेक्षण/पूर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है। इन क्षेत्रों में खनिज का भण्डारण प्रमाणित होने पर नियमानुसार ई-आॅक्शन प्रक्रिया से खनिज ब्लॉक की नीलामी की जाएगी। प्रदेश में उपलब्ध खनिज सम्पदा का पता लगाने एवं पूर्वेक्षण कार्य के लिये एनएमडीसी, एमओआईएल, एमईसीएल से एमओयू  साइन किया गया है।
 एक साल में 2226 करोड़ 85 लाख खनिज राजस्व- मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में अभी तक 2226 करोड़ 85 लाख का राजस्व संग्रहण किया गया है। पिछले साल वर्ष इसी अवधि में संग्रहित खनिज राजस्व की तुलना में यह 34 करोड़ 35 लाख अधिक है। उन्होंने बताया कि जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम-2016 डीएमएफ में इस वित्तीय वर्ष में नवम्बर तक 495 करोड़ 2 लाख और राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास में 34 करोड़ 12 लाख रुपये राजस्व प्राप्त हुआ। श्री जायसवाल ने बताया कि इस दौरान खनिजों के अवैध उत्खनन के 1330, अवैध परिवहन के 8294 और अवैध भण्डारण के 531 प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई। अवैध उत्खनन से 5 करोड़ 27 लाख 51 हजार रुपये, अवैध परिवहन से 24 करोड़ 12 लाख 20 हजार रुपये और अवैध भण्डारण से एक करोड़ 36 लाख 55 हजार रुपये के अर्थदण्ड की वसूली की गई।
बंदर हीरा खदान 30.05 प्रतिशत अधिक बोली पर हुई नीलाम- प्रदेश में खनिजों के अन्वेषण में पिछले एक वर्ष में 2224 मीटर सर्वेक्षण, 15.211 वर्ग किलोमीटर विस्तृत मानचित्रण, 2003.95 मीटर वेधन, 172 घन मीटर पिटिंग/ट्रेंचिंग तथा 6150 नमूनों का विश्लेषण किया गया। इस वित्तीय वर्ष में तृतीय चरण की नीलामी के लिये 13 खनिज खण्डों का चिन्हांकन कर चूना पत्थर की 5, स्वर्ण धातु की 2, आधारभूत खनिजों की 3, हीरा खनिज तथा ग्रेफाइट खनिज और बॉक्साइट खनिज के एक-एक ब्लॉक को ई-नीलामी से निवर्तन के लिये राज्य शासन द्वारा एनआईटी प्रकाशित की गई। निविदा विज्ञप्ति में बंदर डायमण्ड ब्लॉक तहसील बक्सवाहा जिला छतरपुर में एसेल माइनिंग एण्ड इण्डस्ट्रीज के 30.05 प्रतिशत उच्चतम बोली प्राप्त होने पर नियमानुसार अधिमानी बोलीदार घोषित किया गया। बंदर हीरा खदान से राज्य सरकार को सम्पूर्ण पट्टा अवधि में कुल 23506 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होगा।