आर्मी चीफ ने कहा- शांति से ही स्थाई समाधान संभव, उत्तरी मोर्चे पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत
नई दिल्ली। नए सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है कि चीन की सीमा पर शांति कायम रखने से ही उसके साथ बॉर्डर विवाद के अंतिम समाधान पर पहुंचा जा सकता है। सेना प्रमुख का पद संभालने के बाद, बुधवार को नई दिल्ली में उन्हें पहला गार्ड आफ आनर दिया गया। इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा, हम सेना की क्षमता बढ़ाने पर काम कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि उत्तरी सीमा पर शांति बनाए रखने से चीन के साथ सीमा विवाद का स्थाई समाधान हो सकता है।
सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा- अतीत में हम देश के पश्चिमी मोर्चे यानी पाकिस्तान से सटी सीमा पर बहुत ध्यान देते रहे हैं। अब उत्तरी मोर्चे पर ज्यादा फोकस करने की जरूरत है, जिसमें देश का पूर्वोत्तर भाग और चीन की सीमा शामिल है। सेना प्रमुख बनने से पहले नरवणे चीन से सटी करीब 4000 किमी की सीमा की सुरक्षा करने वाली ईस्टर्न कमांड के प्रमुख रह चुके हैं।
सेना का आधुनिकीकरण जरूरी-जनरल नरवणे ने कहा कि सेना देश के सामने आने वाले किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम है और अब सेना के आधुनिकीकरण और उसकी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा, थल सेना, नौसेना और वायु सेना हमेशा देश की रक्षा के लिए तैयार हैं। किसी भी चुनौती को पूरा करना और हर समय एक्शन के लिए तैयार रहना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए सेना का आधुनिकीकरण जरूरी है।
मानवाधिकारों का सम्मान करेगी सेना-जनरल नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना मानवाधिकारों के सम्मान पर विशेष ध्यान देगी। उन्होंने कहा, हम आम लोगों के बीच सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने पर फोकस करेंगे और मानवाधिकारों के सम्मान पर विशेष ध्यान देंगे। सेना प्रमुख ने सेना के अधिकारियों और जवानों को नए साल की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश आने वाले दशक में तेजी से बड़ी प्रगति करेगा।
31 दिसंबर को सेना प्रमुख बने जनरल नरवणे-जनरल विपिन रावत के सेवानिवृत्त होने के बाद जनरल नरवणे ने सेना प्रमुख का पद संभाला था। इसके बाद जनरल नरवणे ने पाकिस्तान और उसकी धरती से फैलाए जाने वाले आतंक को लेकर कहा था कि ऐसी स्थिति में भारत आतंक की जड़ पर हमला करने में नहीं हिचकेगा।